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राज्‍यसभा में वेतन संहिता विधेयक, 2019 पारित हुआ

राज्‍य सभा में विचार-विमर्श और बहस के बाद आज वेतन संहिता विधेयक, 2019 पारित हुआ। लोकसभा में यह विधेयक 30 जुलाई 2019 को पारित हो चुका है। राष्‍ट्रपति की स्‍वीकृति के पश्‍चात यह विधेयक कानून बन जाएगा।
      चार संहिताओं में यह पहली संहिता है, जो अधिनियम बन जाएगी। चार संहिताएं हैं – वेतन संहिता, औद्योगिक संबंध संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता तथा पेशागत सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य व कार्य शर्त संहिता। इन संहिताओं को श्रम और रोजगार मंत्रालय ने तैयार किया है। श्रम पर गठित दूसरे राष्‍ट्रीय आयोग की अनुशंसाओं के अनुरूप मंत्रालय ने विभिन्‍न श्रम कानूनों का इन चार श्रम संहिताओं में समावेश किया है। पेशागत सुरक्षा स्‍वास्‍थ्‍य व कार्य- शर्त संहिता को लोकसभा में पेश किया जा चुका है।
      राज्‍यसभा में बहस के दौरान केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि वेतन संहिता एक ऐतिहासिक विधेयक है, जो संगठित व असंगठित क्षेत्र के 50 करोड़ श्रमिकों को न्‍यूनतम वेतन और समय पर भुगतान सुनिश्चित करने की वैधानिक सुरक्षा प्रदान करेगा। श्री गंगवार इस विषय पर ने विस्‍तार से चर्चा की और विधेयक को पारित करने में सभी सदस्‍यों को उनके सहयोग के लिए धन्‍यवाद दिया। वेतन के मामले में क्षेत्रीय असंतुलन को समाप्‍त करने के लिए एक त्रिपक्षीय समिति समान वेतन का निर्धारण करेगी। इस समिति में मजदूर यूनियन, रोजगार प्रदान करने वाले संगठन तथा राज्‍य सरकार के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यदि आवश्‍यकता हुई तो समिति एक तकनीकि समिति का भी गठन कर सकती है। श्री गंगवार ने कहा कि वेतन संहिता एक मील का पत्‍थर है जो देश के प्रत्‍येक श्रमिक को एक सम्‍मानजनक जीवन प्रदान करेगा।