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बिजली दुर्घटनाओं पर मानवाधिकार आयोग ने यूपीपीसीएल के अधिकारियों को किया तलब

बिजली दुर्घटनाओं पर मानवाधिकार आयोग ने किया स्वत: संज्ञान

उत्तर प्रदेश पॉवर कार्पोरेशन लि०के अधिकारियों को किया तलब

बिना सुरक्षा उपकरण बिजली संविदा कर्मचारियों से कार्य कराना मानवाधिकार का उल्लंघन है

कानपुर ,प्रदेश में प्रति वर्ष 30 से 35 बिजली संविदा कर्मचारी विद्युत दुर्घटना का शिकार होते हैं आम जनता के भी 50 से 55 व्यक्ति भी प्रति वर्ष बिजली दुर्घटना के शिकार होते हैं, बरसात के मौसम में इस आंकड़े में 20% की वृद्धि होती है.
  देश में बढ़ रही बिजली दुर्घटनाओं पर मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है लखनऊ बिजली संविदा कर्मचारी नाजिर अहमद की बिजली दुर्घटना में मृत्यु के बाद मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन व जस्टिस माननीय रफत आलम ने उत्तर प्रदेश पॉवर कार्पोरेशन लि०के चेयरमैन को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब माँगा है

माननीय जस्टिस महोदय ने कहा कि बिना सुरक्षा उपकरण के बिजली संविदा कर्मचारियों से कार्य कराया जाना मानवाधिकार के उल्लंघन की श्रेणी में आता है संविदा कर्मचारी संगठन केस्को कानपुर के महामंत्री दिनेश सिंह भोले ने बताया कि प्रति वर्ष बिजली दुर्घटना में विभाग की गलती की वजह से 30 से 35 बिजली संविदा कर्मचारियों की जान चली जाती है एवं ऐसी ही बिजली दुर्घटना में आम जनमानस के भी 50 से 55 व्यक्तियों की जान जाती है 

महामंत्री दिनेश सिंह भोले ने मानवाधिकार आयोग के इस कदम की सराहना करते हुए इसे बिजली दुर्घटनाओं में विद्युत अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने हेतु एक बेहतरीन पहल बताया है