कानपुर नगर, कानपुर विकास प्राधिकरण ने नीलामी मेें भूखंडो को तो बेच दिया लेकिन कब्जा नही दे सका है। इस मामले में केडीए को उपभोक्ता फोरम ने यह आदेश है कि 30 दिनो में आवंटित भूखंड की कीमत और शर्तो पर नया भूखंड दिया जाये।
उपभोक्ता फोरम द्वारा यह भी आदेश दिया गया है। कि केडीए को ही अपने खर्च पर रजिस्ट्री करानी होगी तथा पांच हजार रूपए परिषद व्यय भी अदा करना होगा। केडीए ने मुम्बई के राजकमल और उनकी पत्नी सुनीता के नाम से दो जुलाई 2005 को चैतन्य बिहार में भूखंड आवंटित किया था। राज कमल ने पांच लाख 23 हजार रू0 जमा कर दिए। केडीए ने रजिस्ट्री भी कर दी लेकिन कब्जा नही दिया था। आवंटी को दौडाने के बाद 13 जून 2013 को पत्र भेजकर राजकमल से उक्त भूखंड के बदले दूसरा भूंखड लेने को कहा था। एलआईजी की जिस स्कीम में भूखण्ड दिया जा रहा था उसकी कीमत चैतन्य विहार के भूखंड से बहुत कम थी। बात न बनती देख राजकमल ने उपभोक्ता फोरम का सहारा लिया था और उपभोक्ता फोरम ने केडीए को तीस दिनो में आवंटित भूखंड की कीमत और शर्तो पर नया भूखण्ड उपभोक्ता को देने का आदेश दिया है।