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जानिए गुड के स्वाद के साथ उसके औषधीय गुणों का भंडार

 


साभार: एमएस पोरवाल


भारत में गुड को देसी मिठाई के नाम से जाना जाता है। पहले के समय पर घरों में स्वागत के तौर पर गुड से स्वागत किया जाता था। गांव में अधिकतर जगह आज भी खाने के बाद गुड़ खाने का प्रचलन है। गुड स्वादिष्ट होने के साथ ही औषधीय गुणों का भंडार है।

देशी गुड़ खाने के हैं इनको फायदे जीवन के लिए अमृत है देशी गुड 

गैस की दिक्कत नहीं होती।

खाना खाने के बाद अक्सर मीठा खाने का मन करता हैं।

इसलिए हेल्दी रहने के लिये गुड़ खाएं।

 पाचन क्रिया को सही रखना।

शरीर का रक्त साफ करता है और मेटाबॉल्जिम ठीक करता है।

रोज एक गिलास पानी या दूध के साथ गुड़ का सेवन पेट को ठंडक देता है। इससे गैस की दिक्कत नहीं होती।

गैस की परेशानी से बचने के लिये रोज़ लंच या डिनर के बाद थोड़ा गुड़ ज़रुर खाएं।

आयरन का मुख्य स्रोत है।

एनीमिया के मरीज़ों के लिए फायदेमंद है।

खासतौर पर महिलाओं के लिए बहुत ज़रुर है।

 त्वचा के लिए, गुड़ ब्लड से खराब टॉक्सिन दूर करता है, त्वचा दमकती है और मुहांसे की समस्या नहीं होती।

 गुड़ की तासीर गर्म है,

इसका सेवन जुकाम और कफ से आराम दिलाता है।

जुकाम के दौरान अगर कच्चा गुड़ नहीं खाना चाहते हैं तो चाय या लड्डू में भी इसका इस्तेमाल करें।


 एनर्जी के लिए-

बहुत ज़्यादा थकान और कमजोरी महसूस करने पर गुड़ का सेवन करने से आपका एनर्जी लेवल बढ़ जाता है।

गुड़ जल्दी पच जाता है, इससे शुगर का स्तर भी नहीं बढ़ता। दिनभर काम करने के बाद जब भी आपको थकान हो, तुरंत गुड़ खाएं।


 शरीर के टेंपरेचर को नियंत्रित रखता है।

इसमें एंटी एलर्जिक तत्व हैं, इसलिए दमा के मरीज़ों के लिए इसका सेवन फायदेमंद होता है।


 जोड़ों के दर्द में आराम-

रोज़ गुड़ के एक टुकड़े के साथ अदरक का सेवन करें, इससे जोड़ों के दर्द की दिक्कत नहीं होगी।

 गुड़ के साथ पके चावल खाने से बैठा हुआ गला व आवाज खुल जाती है।

 गुड़ और काले तिल के लड्डू खानेसे सर्दी में अस्थमा की परेशानी नहीं होती है।

 जुकाम जम गया हो, तो गुड़ पिघलाकर उसकी पपड़ी बनाकर खिलाएं।

 गुड़ और घी मिलाकर खाने से कान का दर्द ठीक हो जाता है।

 भोजन के बाद गुड़ खा लेने से पेट में गैस नहीं बनती।

 पांच ग्राम सौंठ दस ग्राम गुड़ के साथ लेने से पीलिया रोग में लाभ होता है।

 गुड़ का हलवा खाने से स्मरण शक्ति बढती है।

 पांच ग्राम गुड़ को इतने ही सरसों के तेल में मिलाकर खाने से श्वास रोग से छुटकारा मिलता है।


 आज भी भारत के अधिकतर गांव में जब भी कोई मेहमान घर आता है तो थकावट उतारने के लिए सबसे पहले गुण खिला कर पानी पिलाया जाता है ।                     आप सभी लोगो की जानकारी में एक खास बात नही होगी जितनी भी हानिकारक केमिकल फैक्ट्री है जहाँ पर खतरनाक गैस का उत्सर्जन होता है,चाहे प्लास्टिक फैक्ट्री हो या केमिकल फैक्ट्री हो वहां पर साय काल कर्मचारियो को 100 ग्राम गुण खिला कर ही फैक्ट्री गेट से बाहर आने दिया जाता है ताकि हानिकारक गैस का दुष्प्रभाव शरीर मे कम असर हो,                                               

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