कानपुर नगर।सामाजिक विघटन को रोकने और समरस समाज की स्थापना हेतु 20 अगस्त 2021 को लेगी भेदभाव छोड़ो भारत जोड़ो यात्रा
सदियों से हमारा समाज विभिन्न जातियों में बंटा हुआ रहा है।यह भी सत्य है कि समाज में विद्यमान इसी जातीय विघटन का लाभ उठाकर तमाम विदेशी आक्रांताओं ने समय-2 पर हम पर हमला किया और सैकड़ों वर्ष तक हमारे देश को गुलाम बना कर रखा।
"जाति"हमारे समाज की सच्चाई बन चुकी है और इसे नकारा नहीं जा सकता।ये भी सत्य है कि इसी जातीय कुव्यवस्था के कारण हमारे देश में आज भी जातीय भेदभाव,छुआछूत और उत्पीड़न की घटनाएं आये दिन जातीय आधार पर भेदभाव करने वाले दोषित मानसिकता के कुछेक व्यक्तियों द्वारा अंजाम दी जाती हैं।
ऐसा नहीं है कि इस तरह की कुत्सित,घृणित जातीय भेदभाव रूपी घटनाएं पहले अंजाम नहीं दी जाती थी।घटनाएं पहले भी होती थीं,पर तब सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया न होने के कारण ऐसी घटनाओं की जानकारी और इनपर प्रतिक्रिया का स्वरूप आज के समान बृहद नहीं होता था।
यह किसी से छिपा नहीं है कि आज का युग सशक्त सोशल मीडिया और मीडिया का है।सशक्त मीडिया के इस दौर में देश के किसी भी हिस्से में अंजाम दी गयी जातीय भेदभाव के कारण अंजाम दी गयी किसी भी घटना की जानकारी होने व उसे वायरल होने में तनिक भी देर नहीं लगती है।
ये घटनाएं अंजाम तो दी जाती हैं दूषित जातिवादी मानसिकता वाले चंद लोगों के द्वारा,परन्तु राष्ट्र विरोधी कुछ सामाजिक व राजनैतिक संघटन,राष्ट्र विरोधी बाह्य शक्तियों के इशारे पर ऐसी घटनाओं हेतु सम्पूर्ण समाज को ही दोषी ठहराने और उन्हें कठघरे में खड़ा करने के प्रयासों में जुट जाते हैं।और तो और अब तो ऐसी जातीय भेदभाव की घटनाओं पर भी राजनीति करने से ऐसे चंद स्वघोषित "स्वजाति" हितैषी संघटन बाज नहीं आ रहे।ऐसे संघटन व व्यक्ति सोशल मीडिया पर सिर्फ उन्हीं घटनाओं पर न्याय की मुहिम चलाते हैं जिनमें आरोपी उनकी जाति का न हो,अथवा धर्मविशेष से न हो,इसको ध्यान में रखकर आवाज उठाई जाती है।अपना एजेंडा चलाते समय ऐसी प्रत्येक घटना हेतु अपनी जाति/धर्म के इतर हट के सम्पूर्ण समाज को कठघरे में खड़ा करने की परंपरा सी बन गयी है।
मेरा मानना है कि "जाति" के कारण होने वाला शोषण निश्चित ही निंदनीय है व ऐसी सभी घटनाओं पर आरोपी के पद,रसूख और जाति/धर्म को देखे बगैर क़ानून के अनुसार कठोरतम कार्यवाही होनी ही चाहिए।पर साथ ही साथ मैं ये भी मानता हूँ कि ऐसी घटनाओं हेतु सम्पूर्ण "हिंदुत्व"को,"राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ" को अथवा किसी भी सरकार को दोषी ठहराना कतई उचित नहीं है।
जातीय भेदभाव एक सामाजिक कुरीति है।इसके कारक के रूप में अथवा निदान न करने हेतु राजनैतिक दलों,सरकारों अथवा 'संघ" जैसे सामाजिक व राष्ट्रवादी संघटन पर दोष मढ़ना कतई अनुचित है।समस्या सामाजिक है तो इसके निदान हेतु सामूहिक प्रयास भी हमारे समाज का ही दायित्व बनता है।
*इसी कड़ी में मैंने निर्णय लिया है कि सशक्त राष्ट्र निर्माण में बाधक जातीय और सामाजिक विघटन को रोकने हेतु एक बड़ा अभियान आरम्भ किया जाए*
इस अभियान के पहले चरण का आरम्भ कानपुर से कर रहा हूँ।जिसके तहत आगामी 20 अगस्त 2021 को जातीय भेदभाव की कुत्सित घटनाओं की आड़ लेकर "राष्ट्रविरोधी' व 'हिंदुत्व-विरोधी" अभियान में जुटे चंद सामाजिक व राजनैतिक संघटनो के कुत्सित प्रयासों को विफल करने और जातीय भेदभाव मुक्त "समरस व सशक्त समाज" की स्थापना के संदेश को प्रसारित करने हेतु मैं अपने हज़ारों समर्थकों (जिनमें समाज के सभी वर्ग और जातियों के लोग बड़ी संख्या में सम्मिलित होंगे जिन्हें एकदूसरे के विरुद्ध भड़काकर और लड़ाकर सामाजिक समरसता और राष्ट्र को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है)के साथ कानपुर में "भेदभाव छोड़ो-भारत जोड़ो" नामक पैदल मार्च निकालने जा रहा हूँ।इस संदेश यात्रा का आरम्भ नानाराव पार्क स्थित परमपूज्य भारतरत्न बाबासाहब डॉ भीमराव अम्बेडकर जी की प्रतिमा से होगा और इसका समापन घण्टाघर स्थित "भारतमाता" की प्रतिमा को नमन करके होगा।
"भारतमाता" की प्रतिमा से ही समाज को जोड़ने और सशक्त राष्ट्र निर्माण हेतु विचार् दमदारी से रखने में सक्षम बुद्धिजीवियों का संक्षिप्त उदबोधन भी इस पुनीत अभियान का हिस्सा बनने हेतु मेरे साथ हज़ारों की संख्या में सड़क पर उतरने वाले अपने साथियों के मध्य कराने का भी कार्यक्रम मेरे द्वारा प्रस्तावित है।
20 अगस्त को कानपुर में होंने वाले इस पुनीत कार्यक्रम में जो कि पूर्णतया गैर राजनैतिक व बगैर किसी संघटन के बैनर के, समाजहित के उद्देश्य से आहुत किया जा रहा है,उसमें सम्मिलित होने हेतु मैं समस्त कानपुरवासियों को सादर आमंत्रित करता हूँ।यदि आप अपने बहुमूल्य समय में से थोड़ा सा समय निकाल कर कार्यक्रम में सहभागिता कर सकें तो समाज में एक बेहतर सन्देश जायेगा।अपने इस कार्यक्रम से सम्बंधित प्रत्येक जानकारी व समाचार शहरवासियों के साथ साझा करता रहूंगा।अपेक्षा करता हूँ कि जहां उचित होगा मुझे मेरे शहर के प्रबुद्धजनों का सुझाव व सहयोग अवश्य प्रदान होता रहेगा।
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