ब्यूरो रिपोर्ट ;-नैमिष शुक्ल
जमीदारी चली गयी जेड .एल . आर . एक्ट लागू हो गया लेकिन जमीदारी प्रथा आज भी सीतापुर जिले के प्रधान डाकघर में देखने को मिल रही है जहाँ पर बंधुवा मजदूरी करायी जाती है मजदूरी देने का समय वहाँ के हुक्मरानों पर निर्भर करता है ।
उत्तर प्रदेश सीतापुर जनपद में प्रधान डाकघर में एक बेहद चौकाने वाला सनसनीखेज मामला सामने आ रहा है जहाँ डाक विभाग में जमीदारी प्रथा का वर्चस्व पूर्णतयः लागू होता दिख रहा है दैनिक मजदूरी तो कराई जाती है लेकिन मजदूरी समय से दी नही जाती यह कृत्य डाक विभाग के आलाधिकारियों के रहमोकरम पर निर्भर करता है क्या कारण रहा जो त्योहारों पर त्योहार गुजरते गए होमगार्डो का परिवार मजदूरी की आश लगाए बाँट जोहता रहा आँखे पथरा गयी लेकिन सात माह बीत जाने के बाद भी आज तक नही मिली दैनिक मजदूरी ।
आप को बता दे कि 06 होमगार्ड प्रधान डाकघर सीतापुर में सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात रहते है जिनका सितम्बर माह से आज तक सात माह की मजदूरी नही मिली । जब अभिकथन की टीम ने होमगार्डो ने अपना दर्द इस तरह बयां किया कि मेरा सितम्बर माह से आज तक के हालात इस तरह रहे दीपावली देश भर में सभी ने रोशनी के दीप जलाकर खुशिया मनायी लेकिन हम लोगो के घर आर्थिक तंगी बस अंधकार छाया रहा वही नव वर्ष भी बीता होली भी आयी लेकिन मेरे परिवार के चेहरों पर मायूसी छाई रही मेरे परिवार की खुशी मेरी दिनभर की मजदूरी पर ही निर्भर करती हैं वह भी सात माह से मिला नही ।
जब इस सम्बंध में जिला कमांडेंट से बात की गई तो उन्होंने भी यही बताया कि सात माह प्रधान डाकघर सीतापुर में होमगार्डो ने ड्यूटी की मजदूरी अभी तक नही मिली लिखित पत्राचार व मौखिक रूप से बात की प्रयास कर रहा हूँ जिससे गार्डो का दैनिक मजदूरी भत्ता मिले ।
वही इस मामले में जब मेरी टीम ने अधीक्षक डाकघर सीतापुर से दूरभाष पर दो बार सम्पर्क किया गया तथा मिलना चाहा तो मिलने से इनकार कर दिया कहा फाइलों में व्यस्त है ।
सवाल यह उठता है कि आज तक जमीदारो के यहाँ बंधक बनाकर मजदूरी कराते थे उनकी मनमर्जी पर मजदूरी मिलती थी क्या प्रधान डाकघर में ड्यूटी करने वाले होमगार्डो के यही हालात तो नही हो गए है ।
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