रिपोर्ट: मनोज सिंह
कानपुर देहात! तितलियों के जीवन चक्र की चार अवस्थाएँ होती हैं अण्डा लार्वा प्यूपा तब पंखों में रक्त संचार होने पर तितली बनकर फूलों पर उड़कर और केले से पोषण प्राप्त करती है उक्त बात जूनियर विद्यालय सिठमरा के प्रधानाध्यापक शनेन्द्र सिंह तोमर ने तितलियों के अपने घर से आकर्षक पोस्टर बनाकर लाए बच्चों को सम्बोधित करते हुए कही!
इस अवसर पर पर्यावरण मित्र नवीन कुमार दीक्षित ने कहा कि उदर वक्ष और सिर तीन भागों से बटा तितलियों का शरीर रंग बिरंगा और मनमोहक होता है तितलियों को पक्षी और अण्डो को तिलचट्टे खा जाते हैं जिससे इनका जीवन संकट ग्रस्त है विश्व में सबसे बड़ी तितली आर्निथोप्टेरा अलेक्जेंडिया और भारत की सबसे बड़ी तितली कोमन बर्डविंग और सबसे छोटी तितली ग्राम ज्वेल प्रजाति की होती है यह अपने सिर पर लगे एण्टीना से गन्ध का पता लगाती है शिक्षक मायादेवी ने कहा कि दिन में भोजन की तलाश में रहने वाली इस जीव का जीवन चक्र एक वर्ष का होता है शिक्षक गुन्जन पाण्डेय ने कहा कि तितलियों के मुख में स्परिंग जैसी खोखली प्रोवेसिस नामक पराग चूसक जिव्हा होती है इन पोस्टर को दीक्षा,साक्षी,प्रियंका,सगुन,नेहा,प्रियंका,शालिनी,सेजल आदि छात्राएँ घर से बनाकर लाई थीं!
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