रिपोर्ट: मनोज सिंह
रुरा कानपुर देहात! बर्डफ्लू के नाम पर पक्षियों के मारे जाने का पर्यावरण प्रेमियों ने यह कहते हुए विरोध करना प्रारंभ कर दिया है कि हर पक्षी बर्डफ्लू संक्रमित हो यह आवश्यक नहीं है ठंड और भूख प्यास से भी तो पक्षी मरते रहे हैं अगर कोई व्यक्ति बिना परीक्षण के बर्डफ्लू के नाम पर किसी भी पक्षी की हत्या करता है या विधि स्थापित विधिक प्रक्रिया का दुरूपयोग करता है तो पक्षियों के हित में पी एल आई अर्थात जनहित याचिका की ही तरह पक्षी हित याचिका दायर करके माननीय न्यायालय से बेजुबान पक्षियों को न्याय दिलाने का कार्य करूँगी उक्त बात नेपाल देश के राज्यपाल/प्रदेश प्रमुख रत्नेश्वर कायस्थ जी से गांधी पर्यावरण योद्धा सम्मान प्राप्त शान्या ने अकबरपुर रोड रुरा में मंण्डी समिति के पास पक्षी पंचायत की मार्मिक प्रदर्शनी लगाते हुए कही
आगे उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जैसे मनुष्य को क्वारंटीन किया गया था वैसे ही पक्षियों से दूरी बनाकर रहें
पक्षी आपकी वसीयत कराने नहीं आते हैं अपना हक माँगने आते हैं सारी जमीन मानव ने लिखाली थ्रेसर लगाकर एक एक दाना घर में भर लिया बाकी जीव कहाँ जाएंँ! कोई पक्षी मानव को छूना पसंद नहीं करता तो मानव को खतरे की सम्भावना ही नहीं है बर्डफ्लू का वायरस एच 5 एन 1 दस दिन से अधिक जीवित नहीं रहता पक्षियों के लार और आखों के बहने वाले पानी को छूने की जरुरत ही नहीं है
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