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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फर्राटा भरने वाली सड़कों पर गड्ढों का साम्राज्य

रिपोर्ट - मनोज सिंह । कानपुर देहात । 

यूपी की योगी सरकार ने प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का वादा किया था और सम्बंधित विभाग के अधिकारियो को दिशा निर्देश भी जारी किये थे योगी सरकार के कार्यकाल के लगभग 3 वर्ष बीत चुके है लेकिन जनपद कानपुर देहात की सड़को पर आज भी बड़े बड़े गड्ढे नजर आ रहे है सरकार के सख्त निर्देशो के बाद भी अब तक कानपुर देहात में सड़कों को गड्डा मुक्त नही किया गया है जिससे आये दिन सड़क हादसे हो रहे है और बहुत से निर्दोष लोगो की जाने जा रही है इतने हादसे होने के बाद भी जिला प्रशासन भी अनजान बना हुआ है ।

कानपुर देहात का मुगल रोड जो सिकन्दरा से मूसानगर के बीच खस्ताहाल बना हुआ है इस रोड में बड़े बड़े गड्ढे है गद्दों की वजह से यातायात तो प्रभावित होता ही है साथ ही हर रोज सड़क हादसे भी होते रहते है जिससे बहुत से लोग हर रोज असमय मौत के मुंह में समा रहे है तो बहुत से लोग अस्पतालों में जिंदगी और मौत से जूझते नजर आते है और सबसे बड़ी बात तो ये है कि इसी सड़क से विधायक , सांसद, मंत्री और जिले के अधिकारी भी बराबर इसी रोड से गुजरते रहते है इसके बाद भी इस सड़क का ये हाल है । न तो किसी विधायक, सांसद ,मंत्री ने योगी सरकार तक ये मैसेज दिया और न ही जिले के अधिकारियो का ध्यान इस खस्ताहाल सड़क की तरफ जाता है जिससे सड़क को गड्डा मुक्त कर  सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके ।


102 एंबुलेंस चालक की माने तो रोडो पैसे दे गड्ढे होने के कारण उन्हें मरीजों को ले जाने लाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है कभी-कभी मरीज की हालत एंबुलेंस में ही बिगड़ जाती है यहां तक कि कई बार तो एंबुलेंस में ही प्रसव हो गए जिस कारण से उन्हें अत्यधिक बिल्डिंग और तो और उनको दिए गए निर्धारित समय 30 मिनट से अधिक का समय लग जाने के कारण उनकी कंपनी को पेनल्टी भी देनी पड़ती है.                       
मनोज पांडे क्षेत्रीय नागरिक क्षेत्रीय नागरिक की माने तो इन गड्ढों के कारण आए दिन हादसे होते रहते हैं जिस कारण से कई जाने चली जाती है क्षेत्रीय नागरिक की मां ने यह मुद्दा भ्रष्टाचार की भेंट कर चुका है गड्ढे भरने के नाम पर महज खानापूर्ति करके छोड़ दी जाती है लिंक मार्गो से लेकर नेशनल हाईवे तक गड्ढों में तब्दील होते जा रहे हैं.                                  
  डॉ डी के सिंह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी की माने तो उनके हॉस्पिटल में सबसे अधिक आने वाले मामले रोड दुर्घटना से संबंधित होते हैं जिसमें कुछ मामले में कैजुअल्टीज हो जाती हैं मामले इतने गंभीर होते हैं कि उन्हें जिला अस्पताल रेफर करना पड़ता है लेकिन जिला अस्पताल पर सिटी स्कैन जैसी सुविधाएं न होने के कारण वह मामले मेडिकल कॉलेज के लिए भी रेफर हो जाते हैं महीने में इस प्रकार के 30 से 35 मामले प्रतिमा जाते हैं 
वही मीडिया ने जब इस मामले पर जनपद के जिला अधिकारी राकेश कुमार सिंह से बात की तो उनके द्वारा मामला संज्ञान में लेकर pwd के अधिकारियो से बात कर इस सड़क को ठीक कराने की बात की